ओवर रेटिंग पर राज्य सरकार पहले ही वर्तमान आबकारी नीति में सख्त प्रावधान कर चुकी है। अब एक बार से अधिक ओवर रेटिंग पाए जाने पर शराब की दुकान का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। साथ ही अब शराब की बिक्री एमआरपी से अधिक पर
ओवर रेटिंग पर राज्य सरकार पहले ही वर्तमान आबकारी नीति में सख्त प्रावधान कर चुकी है। अब एक बार से अधिक ओवर रेटिंग पाए जाने पर शराब की दुकान का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। साथ ही अब शराब की बिक्री एमआरपी से अधिक पर करने की प्रवृत्ति पर पूरी तरह लगाम कसने के लिए 25 अधिकारियों की टीम फील्ड में उतार दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस सख्त रुख के बाद शराब कारोबारियों में हड़कंप की स्थिति है।
आबकारी आयुक्त एचसी सेमवाल के मुताबिक प्रत्येक जिले के लिए सहायक आबकारी आयुक्त/जिला आबकारी अधिकारी के नेतृत्व में कुल छह से सात अधिकारियों की टीम गठित की गई है। एक टीम को 03 से 04 जिले आवंटित किए गए हैं। सभी टीम को निर्देश दिए गए हैं कि वह ओवर रेटिंग पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाने के लिए छापेमारी करेगी और सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके साथ ही टीमें संबंधित जिलों में बारों की जांच भी करेगी।
ताकि वहां सील बंद बोतलों की बिक्री के संबंध में स्थिति स्पष्ट की जा सके। यह भी कहा गया है कि कहीं अगर कार्रवाई के लिए अतिरिक्त स्टाफ की जरूरत है तो वहां जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय से स्टाफ मंगाया जा सकेगा। आबकारी आयुक्त एचसी सेमवाल ने कहा कि शराब की ओवर रेटिंग को हतोत्साहित करने के लिए वर्तमान आबकारी नीति में सख्त प्राविधान किए गए हैं।
अब किसी दुकान में दूसरी बार ओवर रेटिंग पाए जाने पर लाइसेंस निरस्त करने का प्राविधान किया गया है। पहली बार भी एक लाख रुपए के जुर्माने पर कंपाउंडिंग की व्यवस्था है। अब तक प्रत्येक बार ओवर रेटिंग पर सिर्फ जुर्माने का नियम लागू था। जिससे ओवर रेटिंग करने वालों में भय खत्म हो रहा था।
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