केदरनाथ में हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के दौरान हादसा हो गया। गनीमत रही कि चॉपर जमीन से अधिक ऊंचाई पर नहीं था। इस हादसे में पायलट, 01 चिकित्सक और 01 नर्सिंग स्टाफ की जान बाल-बाल बच गई। हालांकि, हादसे में हेलीकॉप्टर का पिछले हिस्सा पूरी तरह
केदरनाथ में हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के दौरान हादसा हो गया। गनीमत रही कि चॉपर जमीन से अधिक ऊंचाई पर नहीं था। इस हादसे में पायलट, 01 चिकित्सक और 01 नर्सिंग स्टाफ की जान बाल-बाल बच गई। हालांकि, हादसे में हेलीकॉप्टर का पिछले हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे का वीडियो फुटेज भी सामने आई है। इससे पहले वर्ष 2024 के मई माह में ही यहां केस्ट्रल कंपनी का हेलीकॉप्टर उड़ान भरने के दौरान डगमगा गया था। पायलट की सूझबूझ से तब इमरजेंसी लैंडिंग हो गई थी, लेकिन तब भी हेलीकॉप्टर का पिछले हिस्सा जमीन से टकरा गया था। उस समय हेलीकॉप्टर में 06 यात्री सवार थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार को ऋषिकेश एम्स से हेली एंबुलेंस ने केदारनाथ के लिए उड़ान भरी थी। जिसमें पायलट कैप्टन रविंद्र सिंह, चिकित्सक डॉ बलवंत और नर्सिंग स्टाफ मनोज कुमार सवार थे। हेली सेवा यहां सांस लेने में दिक्क्त की गंभीर बीमारी से जूझ रहे कर्नाटक निवासी मारुती को लेने पहुंचे थे। हेलीपैड से करीब 20 से 30 मीटर पहले ही हेलीकॉप्टर लैंडिंग के दौरान असंतुलित हो गया। पायलट का संतुलन छूटने से हेलीकॉप्टर सीधे जमीन से जा टकराया। हालांकि, ऊंचाई कम होने से सभी यात्री सुरक्षित हैं।
इसकी जानकारी डीजीसीए को दी जा रही है। वहीं, युकाडा के अधिकारी भी जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। यह हादसा ऐसे समय हुआ, जब बीते दिनों एक हेलीकॉप्टर क्रैश में पायलट समेत 06 यात्रियों की जान चली गई। इस तरह के हादसों ने सरकारी मशीनरी की चिंता बढ़ा दी है। उत्तराखंड में पहले भी इस तरह की दुर्घटनाएं पहले भी समाने आई हैं। अप्रैल 2023 में केस्ट्रेल एविएशन कंपनी के हेलीकॉप्टर के टेल रोटर ब्लेड से यूकाडा के अफसर की जान गई थी। अक्टूबर 2022 में केदारघाटी में गुजरात और तमिलनाडु के तीर्थ यात्रियों को ले जा रहा हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। जिसमें 07 तीर्थ यात्रियों की मौत हो गई थी।
वर्ष 2022 से पहले भी केदार घाटी में 12 साल के अंतराल में 07 बार हेलीकॉप्टर क्रैश की घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें केदारनाथ आपदा के दौरान सेना और आईटीबीपी के 20 जवान रेस्क्यू के दौरान (25 जून 2013) एमआई-17 क्रैश में शहीद हो गए थे। केदार आपदा के दौरान ही केदारनाथ से 02 किलोमीटर दूर जंगलचट्टी में एक निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर क्रैश होने से पायलट, को-पायलट समेत 03 की मौत हो गई थी। 19 जून को भी रेस्क्यू के दौरान जंगलचट्टी के पास एक हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था, गनीमत थी कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई।
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