देशभक्ति की भावना को नई पीढ़ी तक पहुंचाने की दिशा में उत्तराखंड सरकार ने एक अभिनव और ऐतिहासिक पहल की है। राज्य के मदरसों के पाठ्यक्रम में अब भारतीय सेना के वीरता और पराक्रम की गाथा “ऑपरेशन सिंदूर” के रूप में पढ़ाई जाएगी। मदरसों में
देशभक्ति की भावना को नई पीढ़ी तक पहुंचाने की दिशा में उत्तराखंड सरकार ने एक अभिनव और ऐतिहासिक पहल की है। राज्य के मदरसों के पाठ्यक्रम में अब भारतीय सेना के वीरता और पराक्रम की गाथा “ऑपरेशन सिंदूर” के रूप में पढ़ाई जाएगी।
मदरसों में सैन्य शौर्य की गूंज
राज्य के 451 पंजीकृत मदरसों में पढ़ रहे लगभग 50,000 छात्रों को अब भारतीय सेना के अद्वितीय साहस, रणनीति और देशभक्ति से जुड़ी इस ऐतिहासिक सैन्य कार्रवाई की जानकारी मिलेगी। इसका उद्देश्य है – युवाओं में राष्ट्रभक्ति को और गहराई से जगाना, और सेना के प्रति सम्मान की भावना को मजबूत करना।
मदरसा बोर्ड का निर्णय, केंद्र से समन्वय
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने बताया कि इस विषय को एक अध्याय के रूप में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सैनिकों की भूमि है और छात्रों को यह जानना जरूरी है कि सेना देश की रक्षा के लिए किस स्तर तक जाकर बलिदान देती है।
यह फैसला केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से हुई प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात के बाद लिया गया, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए भारतीय सेना को बधाई भी दी गई।
एक नई शुरुआत की ओर
उत्तराखंड सरकार का यह कदम न केवल पाठ्यक्रम में विविधता लाता है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा, बलिदान और एकता के मूल्यों को भी छात्रों तक ले जाता है। इससे मदरसा शिक्षा की धारा में एक नई चेतना और दृष्टिकोण का संचार होगा।
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