मुख्यमंत्री की मौजूदगी में सिलक्यारा टनल हुई ब्रेकथ्रू। लगभग 1384 करोड़ लागत की इस परियोजना से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 25 किमी होगी कम। 2023 में सिलक्यारा सुरंग निर्माण के दौरान 41 श्रमिक 17 दिनों तक भीतर फंस गये थे। प्रधानमंत्री
- मुख्यमंत्री की मौजूदगी में सिलक्यारा टनल हुई ब्रेकथ्रू।
- लगभग 1384 करोड़ लागत की इस परियोजना से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 25 किमी होगी कम।
- 2023 में सिलक्यारा सुरंग निर्माण के दौरान 41 श्रमिक 17 दिनों तक भीतर फंस गये थे।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सफल हुआ था सबसे जटिल और चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू अभियान।
- बाबा बौखनाग मंदिर में हुई प्राण प्रतिष्ठा, रेस्क्यू अभियान की सफलता के लिए मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग से मन्नत मांगते हुए मंदिर निर्माण का संकल्प लिया था
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सिलक्यारा सुरंग के ब्रेकथ्रू कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। गौरतलब है कि वर्ष 2023 में सिलक्यारा सुरंग निर्माण के दौरान 41 श्रमिक 17 दिनों तक भीतर फंस गये थे। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतर्गत सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। सिलक्यारा सुरंग चारधाम यात्रा की दृष्टि से महत्वपूर्ण परियोजना है। लगभग 1384 करोड़ लागत की डबल लेन की इस सुरंग परियोजना की लंबाई 4.531 किलोमीटर है। सुरंग निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 25 किलोमीटर तक कम हो जाएगी, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधा और समय की बचत होगी। इस परियोजना के पूर्ण होने से क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और रोजगार की संभावनाओं में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा टनल ब्रेकथ्रू के अवसर पर परियोजना से जुड़े सभी इंजीनियरों, तकनीकी विशेषज्ञों, श्रमिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक अवसर न केवल उन्नत इंजीनियरिंग की सफलता का प्रतीक है, बल्कि आस्था और समर्पण की शक्ति का जीवंत उदाहरण भी है। उन्होंने कहा कि सिलक्यारा टनल अभियान दुनिया का सबसे जटिल और लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन था। इससे जुड़े प्रत्येक व्यक्ति ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की। यह घटना तकनीकी और मानवीय संकल्प की वास्तविक परीक्षा थी, सभी ने एकजुट होकर इस अभियान को सफल बनाया। उन्होंने समस्त रेस्क्यू टीम, रैट माइनर्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सहयोगी संस्थाओं का भी इस अभियान को सफल बनाने में आभार व्यक्त किया।
1. सिलक्यारा टनल का नाम बाबा बौखनाग के नाम पर किये जाने की कार्यवाही की जायेगी।
2. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गेंवला-ब्रह्मखाल को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाया जायेगा।
3. बौखनाग टिब्बा को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा।
4. स्यालना के निकट हेलीपैड का निर्माण किया जायेगा।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा, विधायक श्री सुरेश चौहान, श्री दुर्गेश्वर लाल, श्री संजय डोभाल, प्रबंध निदेशक एन.एच.आई.डी.सी.एल डॉ. कृष्ण कुमार, जिलाधिकारी उत्तरकाशी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, एसपी श्रीमती सरिता डोभाल, जनप्रतिनिधिगण और अधिकारीगण उपस्थित थे।
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