हरिद्वार भाजपा से निष्कासित नेत्री अनामिका शर्मा के खिलाफ यौन शोषण मामले में एसआईटी की जांच अब आगरा और मथुरा तक जा पहुंची है। बुधवार को टीम अनामिका को आगरा के एक होटल में लेकर गई, जहां उसके साथ ठहरने वाले लोगों की जानकारी जुटाई
हरिद्वार
भाजपा से निष्कासित नेत्री अनामिका शर्मा के खिलाफ यौन शोषण मामले में एसआईटी की जांच अब आगरा और मथुरा तक जा पहुंची है। बुधवार को टीम अनामिका को आगरा के एक होटल में लेकर गई, जहां उसके साथ ठहरने वाले लोगों की जानकारी जुटाई गई। होटल रजिस्टर खंगालने पर कुछ नए और चौंकाने वाले नाम सामने आए हैं, जिन्हें फिलहाल गोपनीय रखा गया है। इन नामों के खुलासे से सियासी और प्रशासनिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।
होटल स्टाफ और दस्तावेजों से यह पता लगाने की कोशिश की गई कि अनामिका शर्मा किन-किन लोगों के साथ ठहरी थी। जांच में सामने आए नए नामों को लेकर एसआईटी अब अलग स्तर पर पड़ताल कर रही है। कुछ नामों के राजनीतिक और प्रभावशाली तबकों से जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है।
गौरतलब है कि जून में अनामिका शर्मा के पति ने रानीपुर कोतवाली में शिकायत देकर आरोप लगाया था कि अनामिका ने अपनी नाबालिग बेटी का यौन शोषण करवाया। इस मामले में उसका प्रेमी सुमित पटवाल और उसका साथी शुभम भी आरोपी बनाए गए थे। तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
इस बीच यह भी सामने आया कि अनामिका शर्मा जेल में रहते हुए मोबाइल फोन का उपयोग कर रही थी। इस मुद्दे को महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने सार्वजनिक किया था।
पीड़िता पहले ही भेल स्टेडियम, वृंदावन और आगरा में सुमित पटवाल और शुभम द्वारा दुष्कर्म किए जाने का आरोप लगा चुकी है। अब जबकि जांच की दिशा होटल रजिस्टर में दर्ज नामों की ओर बढ़ रही है, यह मामला एक आपराधिक साजिश और संभावित राजनीतिक संरक्षण की ओर इशारा करता दिखाई दे रहा है।
सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में एसआईटी टीम मथुरा और अन्य स्थानों पर भी पूछताछ के लिए जाएगी। अब यह केस सिर्फ एक पारिवारिक या व्यक्तिगत अपराध नहीं रह गया, बल्कि इसमें बड़े चेहरों के शामिल होने की संभावना ने इसे और गहरा बना दिया है।
किनके संरक्षण में बढ़ा राजनीति में कद
भाजपा में अनामिका शर्मा का तेज़ी से राजनीतिक कद बढ़ना यूं ही नहीं हुआ। पार्टी के कुछ प्रभावशाली नेताओं और कुछ अधिकारियों की विशेष कृपा ने उन्हें कम समय में ऊंचे पदों तक पहुंचाया। अब जब उन पर गंभीर आरोप लगे हैं, तो सत्ता के गलियारों में यह चर्चा तेज़ हो गई है कि उनके पीछे किन सफेदपोशों का हाथ था। अगर जांच निष्पक्ष हुई, तो कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
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