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दिल्ली में प्रतिदिन 2200 चालान का होगा निपटारा,सुप्रीम कोर्ट के जज ने शुरू की नई पहल

दिल्ली में बढ़ते ट्रैफिक चालान के निपटान को आसान बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मनमोहन ने राउज एवेन्यू कोर्ट परिसर में सांध्यकालीन अदालतों का शुभारंभ किया। ये अदालतें दिल्ली की सभी 11 जिला अदालतों में 11 पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू की गई हैं जिनमें प्रतिदिन 200 चालान का निपटारा किया जा रहा है। पढ़ें पूरी जानकारी।

राजधानी में बढ़ते ट्रैफिक चालान से निपटान की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनमोहन ने राउज एवेन्यू कोर्ट परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में सांध्यकालीन अदालतों का शुभारंभ किया।
ये अदालतें दिल्ली की सभी 11 जिला अदालतों में 11 पायलट परियोजनाओं के तहत शुरू की गई हैं, जिनमें प्रतिदिन 200 चालान का निपटारा किया जा रहा है। न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य कानून के शासन को बढ़ावा देना है।
न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि यातायात चालान यह सुनिश्चित करने के लिए जारी किए जाते हैं कि सड़कें सुरक्षित रहें और आम आदमी भी सड़क पर यात्रा करते समय सुरक्षित रहे। इस पहल की सराहना करते हुए न्यायमूर्ति मनमोहन ने बताया कि वर्ष 2021 तक के लंबित चालानों की संख्या दो करोड़ से अधिक थी और ये संख्या निपटान प्रणाली पर प्रतिबिंबित नहीं हो रही थी।
लेकिन अब वे प्रतिबिंबित भी होंगे और लोगों के पास अपने चालान के निपटान के लिए अपनी सुविधा के अनुसार तारीख, समय और जिला अदालत चुनने का विकल्प होगा। उन्होंने कहा कि समय के साथ ये परियोजना और बेहतर विकसित होगी, अगर कुछ विसंगतियां देखी जाती हैं, तो उनका ध्यान रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत दिन की अदालतों पर अधिक बोझ नहीं पड़ेगा और शाम की अदालतों का उपयोग अच्छे उद्देश्य के लिए किया जा सकेगा। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि उपलब्ध तकनीक का उपयोग न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए किया जाए
दिल्ली हाईकोर्ट (delhi high court) के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विभु बाखरू ने कहा कि दिल्ली पुलिस (delhi police) और नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर के साथ मिलकर एक ऐसा डाटाबेस तैयार किया गया है जिससे लोग आसानी से ट्रैफिक चालान (traffic challan) का निस्तारण करा सकेंगे।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (मुख्यालय) संजय गर्ग ने कहा कि जिला अदालतों में प्रतिदिन शाम पांच से सात बजे तक 200 चालानों का निपटारा किया जाएगा। इस तरह से सभी 11 जिला अदालतों में 2200 चालानों का निपटारा होगा। इसके बाद अदालतों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार किया जा सकता है ताकि ज्यादा से ज्यादा चालान का निपटारा हो।

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