सरकारी अस्पतालों में रेफरल सिस्टम पर मुख्य सचिव सख्त, गैरज़रूरी रेफरल पर लगाम के दिए निर्देश

सरकारी अस्पतालों में रेफरल सिस्टम पर मुख्य सचिव सख्त, गैरज़रूरी रेफरल पर लगाम के दिए निर्देश

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सोमवार को सचिवालय में जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में जिला एवं उप जिला अस्पतालों की स्थिति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने सरकारी अस्पतालों में रेफरल सिस्टम पर नाराजगी जतायी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सोमवार को सचिवालय में जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में जिला एवं उप जिला अस्पतालों की स्थिति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने सरकारी अस्पतालों में रेफरल सिस्टम पर नाराजगी जतायी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जो सुविधाएं जिला एवं उप जिला अस्पतालों में उपलब्ध हैं उनका इलाज उन्हीं अस्पतालों में किया जाए। उन्होंने कहा कि जिन गंभीर मरीजों और घायलों का इलाज जिला अस्पतालों और उप जिला अस्पतालों में नहीं हो पाएगा, सिर्फ उन्हीं मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जाना सुनिश्चित किया जाए।

मुख्य सचिव ने सभी जिला अस्पतालों में सभी प्रकार की सामान्य एवं महत्वपूर्ण जांचों को अनिवार्य रूप से शुरू कराया जाए। उन्होंने कहा कि सभी जिला अस्पतालों में माईक्रोबायोलॉजिस्ट की तैनाती भी शीघ्र सुनिश्चित की जाए, ताकि यूरिन कल्चर जैसी महत्त्वपूर्ण जांचों को भी सरकारी अस्पतालों में शुरू कराया जा सके। उन्होंने कहा कि सिर्फ उन्हीं जांचों को आउटसोर्स एजेन्सी के माध्यम से कराया जाए जो जांचें जिला अस्पतालों में नहीं हो सकती। इसके लिए उन्होंने जिला अस्पतालों के मजबूतीकरण के साथ ही कैपेसिटी बढ़ाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से प्रदेश के सभी जिला एवं उपजिला अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं, चिकित्सकों, पैरामेडिकल की स्थिति एवं उपकरणों की उपलब्धता की रिपोर्ट तलब की।

मुख्य सचिव ने पुराने हो चुकी 108 एम्बुलेंस एवं विभागीय एम्बुलेंसों को तत्काल बदले जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में संचालित हो रही सभी 108 एम्बुलेंस एवं विभागीय एम्बुलेंसों का विश्लेषण कर लिया जाए एवं पुराने एवं खराब वाहनों को शीघ्र बदला जाए। उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस बदले जाने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए।

मुख्य सचिव ने सचिव स्वास्थ्य को कुमायूँ  एवं गढवाल के पर्वतीय क्षेत्रों में एक-एक आईवीएफ फैसिलिटी एवं ट्रॉमा सेंटर बनाए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ये दोनों सुविधाएं शीघ्र पर्वतीय क्षेत्रों में शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं।

बैठक के दौरान सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने प्रदेश में जिला अस्पतालों एवं उप जिला अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं  की विस्तृत जानकारी दी।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव  आर.के. सुधांशु,  एल. फ़ैनयी, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव  शैलेश बगौली, नितेश कुमार झा, श्रीमती राधिका झा, सचिन कुर्वे,  दिलीप जावलकर, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम,  रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय,  चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. आर. राजेश कुमार,  विनोद कुमार सुमन, आयुक्त कुमायूँ  दीपक कुमार, आयुक्त गढ़वाल  विनय शंकर पाण्डेय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं जनपदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

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