माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपदों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आपदा के दौरान किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात अनुग्रह राशि का वितरण 72 घंटे में प्रभावित परिवार/मृतक आश्रित को अनिवार्य रूप से कर दिया जाए। इसमें किसी भी प्रकार
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने जनपदों में गठित क्विक रिस्पांस टीमों को लेकर भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अपेक्षानुसार जनपद स्तर पर प्रत्येक माह की 01, 11 और 21 तारीख को अनिवार्य रूप से बैठक कर इसका कार्यवृत्त यूएसडीएमए के साथ साझा किया जाए। साथ ही उन्होंने हर तहसील के लिए एक रेस्क्यू व्हीकल क्रय करने के निर्देश दिए, जिसका उपयोग आपदाओं के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों के लिए किया जाएगा।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि जल्द ही भारत सरकार की सात सदस्यीय टीम प्रदेश में अतिवृष्टि तथा आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए आने वाली है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को पूर्व से ही सभी तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं, ताकि भारत सरकार के सामने आपदा से हुई क्षति की वास्तविक स्थिति रखी जा सके। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के अधिकारियों का यह दौरा अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी के आधार पर भारत सरकार से क्षतिपूर्ति हेतु धनराशि प्राप्त होगी।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि इन दिनों टिहरी बांध से पानी छोड़ा जा रहा है। उन्होंने टिहरी के जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि पानी छोड़े जाने की सूचना देहरादून तथा हरिद्वार जनपद को समय पर दी जाए। साथ ही उन्होंने देहरादून तथा हरिद्वार जनपद को निर्देश दिए कि लगातार गंगा नदी के जलस्तर की निगरानी की जाए और आवश्यकतानुसार सुरक्षात्मक कदम उठाए जाएं।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास ने मानसून अवधि में अब तक हुई क्षति को लेकर भी जनपदों से जानकारी ली। उन्होंने जनहानि, पशु हानि, भवनों को हुई क्षति के बारे में पूछा तथा आपदा प्रभावितों को वितरित की गई धनराशि की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश हैं कि अहेतुक सहायता वितरण में बिल्कुल भी विलंब न किया जाए। साथ ही उन्होंने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से भेजे जा रहे विभिन्न अलर्ट्स तथा चेतावनियों का जनपद स्तर पर बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से प्रसारण की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप ग्रुप में प्रत्येक गांव के प्रधान, सरपंच के अलावा कम से कम 20 लोग जुड़े हों। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण राज्य के प्रत्येक नागरिक को विभिन्न प्रकार के अलर्ट तथा सूचनाओं उपलब्ध कराए जाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में जनपदों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप ने कहा कि जनपदों में आपदा संबंधी सूचनाएं हर वक्त अपडेट रहनी चाहिए ताकि भारत सरकार तथा गृह मंत्रालय द्वारा जब भी सूचनाओं की मांग की जाती है, उन्हें तुरंत ही उपलब्ध करा दिया जाए। साथ ही उन्होंने जनपदों द्वारा खर्च की गई धनराशि को लेकर रिपोर्ट भेजने तथा आवश्यकता होने पर अतिरिक्त धनराशि के लिए प्रस्ताव शासन को भेजने को कहा। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी ने कहा कि धराली आपदा से सबक लेते हुए सभी जनपदों को नदियों के किनारे संवेदनशील रिहायशी क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए अलर्ट मेकैनिज्म डेवलप करना चाहिए। साथ ही उन्होंने सभी जनपदों में ऐसे सभी हेलीपैडों ऑडिट करने का सुझाव दिया जो इस्तेमाल नहीं हो रहे हैं ताकि किसी आकस्मिक स्थिति में उन्हें तुरंत उन्हें एक्टिवेट किया जा सके।











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