फिल्म नीति 2024: पाभें बना शूटिंग विलेज, हेमंत पांडे ने किया शुभारंभ

फिल्म नीति 2024: पाभें बना शूटिंग विलेज, हेमंत पांडे ने किया शुभारंभ

देहरादून/पिथौरागढ़ उत्तराखंड सरकार की फिल्म नीति 2024 की वजह से उत्तराखंड बेस्ट फिल्म डेस्टिनेशन बन चुका है और इसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुए प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता हेमंत पांडेय ने पिथौरागढ़ के पाभैं ग्राम में शूटिंग विलेज के कॉन्सेप्ट का शुभारंभ किया है। पांडे ने

देहरादून/पिथौरागढ़

उत्तराखंड सरकार की फिल्म नीति 2024 की वजह से उत्तराखंड बेस्ट फिल्म डेस्टिनेशन बन चुका है और इसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुए प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता हेमंत पांडेय ने पिथौरागढ़ के पाभैं ग्राम में शूटिंग विलेज के कॉन्सेप्ट का शुभारंभ किया है।

पांडे ने बताया कि राज्य सरकार के प्रयासों से काफी समय से कई फिल्मों का निर्माण उत्तराखंड में हो रहा है और कईयों का हो चुका जिनको हम इन दिनों स्क्रीन पर देख रहे हैं।

उत्तराखंड की स्थानीय फिल्मों को बढ़ावा मिलने के साथ ही यहां के स्थानीय कलाकारों और तकनीशियनों को भी सीधा फायदा मिल रहा है।

उन्होंने बताया कि इसी तरह से राज्य के अन्य जनपद के ग्रामों को भी फिल्म सर्किट शूटिंग विलेज से जोड़ते हुए राज्य के खूबसूरत गांव को शूटिंग विलेज बनाया जाएगा और फिल्म प्रोडक्शन के लिए विभिन्न सुविधाएं भी उपलब्ध की जाएगी। उन्होंने माना कि इससे फिल्मों की शूटिंग को और बढ़ावा मिलेगा और उत्तराखंड में पर्यटन की गतिविधियों में इजाफा होने के साथ ही स्थानीय लोगो एवं कलाकारों के लिए रोजगार के अवसर भी खुलेंगे। पांडे ने इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया कि फिल्म नीति 2024 ने राज्य में फिल्म शूटिंग के लिए एक बेहतरीन माहौल तैयार हो चुका है और शूटिंग विलेज से इसको और ज्यादा बढ़ावा मिलेगा।

बता दें कि सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग उत्तराखंड द्वारा फिल्म नीति 2024 के प्रावधानों के चलते इन दिनों बड़ी संख्या में फिल्म निर्माता उत्तराखंड का रुख कर रहे हैं।

फिल्म नीति का ही कमाल हे कि इससे उन्हें कई तरह की सहूलियतें तो मिल ही रही है, अलग-अलग स्तरों पर सब्सिडी का लाभ भी मिल रहा है। आंचलिक फिल्मों के निर्माण और स्थानीय कलाकारों को शामिल करने पर अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है। यही कारण है कि उत्तराखंड आज फिल्म निर्माण के बेस्ट डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है।

हिन्दी और आठवीं अनुसूची की भाषाओं में बनने वाली फिल्मों के प्रोडक्शन पर राज्य में खर्च की गई धनराशि का अधिकतम 30 फीसदी या तीन करोड़ तक की सब्सिडी देने का प्रावधान है। गढ़वाली, कुमाऊंनी व जौनसारी फिल्मों में मिलने वाली सब्सिडी को 25 लाख से बढ़ाकर दो करोड़ तक किया गया है, साथ ही फिल्म सिटी के निर्माण की भी योजना है।

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