सीधे मार्ग से 40 किमी और 2 घंटे की बचत मुमकिन देहरादून : हर रोज़ की वही परेशानी—लंबा सफर, ज़्यादा किराया, और ट्रैफिक की झिकझिक। लेकिन अब राहत की पटरी बिछने वाली है। केंद्र सरकार ने सहारनपुर से देहरादून तक सीधी रेल लाइन के सर्वे
सीधे मार्ग से 40 किमी और 2 घंटे की बचत मुमकिन
देहरादून : हर रोज़ की वही परेशानी—लंबा सफर, ज़्यादा किराया, और ट्रैफिक की झिकझिक। लेकिन अब राहत की पटरी बिछने वाली है। केंद्र सरकार ने सहारनपुर से देहरादून तक सीधी रेल लाइन के सर्वे को हरी झंडी दे दी है, जो माता शाकंभरी देवी होकर गुज़रेगी।
इस प्रस्तावित रूट से सफर की दूरी भी घटेगी और समय भी। अब देहरादून जाना न झंझट होगा, न जेब पर बोझ। अभी सहारनपुर से देहरादून जाने के लिए यात्रियों को हरिद्वार होकर लंबा रूट पकड़ना पड़ता है, जिससे दूरी करीब 113 किलोमीटर हो जाती है और सफर में लगभग 3 घंटे लगते हैं। नई लाइन से यह दूरी घटकर करीब 73 किलोमीटर रह सकती है, जिससे न केवल यात्रा का समय घटेगा बल्कि खर्च और भी कम होगा। अगर योजना अमल में आती है तो जो यात्रा पहले हरिद्वार घूमकर होती थी, वह सिर्फ डेढ़ घंटे में सीधी ट्रेन से मुमकिन हो सकेगी।
यह है योजना
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में जानकारी दी कि रेलवे ने इस नई लाइन के लिए डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करने हेतु सर्वेक्षण को मंजूरी दी है। परियोजना को दो चरणों में बांटा गया है:
चरण 1: सहारनपुर से माता शाकंभरी देवी तक 40 किमी
चरण 2: शाकंभरी देवी से देहरादून (हर्रावाला स्टेशन) तक 41 किमी
इस रूट से मौजूदा दूरी 112 किमी से घटकर 81 किमी रह जाएगी। यात्रा का समय करीब डेढ़ घंटे होगा।
यात्रियों को कैसे मिलेगा सीधा फायदा?
- कम दूरी, कम खर्च दूरी 31 किमी घटेगी, ट्रेन का किराया भी होगा कम
- कम समय सफर अब सिर्फ डेढ़ घंटे में पूरा हो सकेगा
- डायरेक्ट कनेक्टिविटी माता शाकंभरी देवी शक्तिपीठ तक सीधी रेल सुविधा
- यात्री सुविधा रोज़ाना आने-जाने वाले कर्मचारियों, छात्रों को राहत
- व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देहरादून–सहारनपुर के बीच आर्थिक गतिविधियों में गति
क्या-क्या बन सकता है?
- 11 किमी लंबी सुरंग
- 106 छोटे-बड़े पुल
8 प्रस्तावित स्टेशन और हाल्ट:
पिलखनी, चिलकाना, बीबीपुर डंडौली, बेहट, माता शाकंभरी देवी, नयागांव, सुभाषनगर, हर्रावाला
मिट्टी परीक्षण, हाइड्रोलिक कैलकुलेशन जैसे तकनीकी सर्वे पहले ही किए जा चुके हैं। रेलवे अब विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगा।
यह सिर्फ शुरुआत है। सर्वे की मंजूरी के बाद डीपीआर तैयार होगी, फिर टेंडर, फिर निर्माण। यानी पटरी पर ट्रेन दौड़ने में वक्त लगेगा, लेकिन उम्मीदों की रफ्तार अब तेज हो गई है। अगर यह परियोजना धरातल पर उतरती है, तो यह रूट दो राज्यों को और करीब लाएगा, और सहारनपुर–देहरादून के बीच हर दिन सफर करने वाले हजारों लोगों की ज़िंदगी को आसान बना देगा।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *