सेंट जोसेफ से पढ़ा यह बालक आज विश्व के कई प्रतिष्ठित मंचो और विश्वभर में दे रहा है, “शांति का संदेश”, यूनाइटेड नेशंस द्वारा उन्हें शांति दूत( एंबेसडर ऑफ पीस) की उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है।

सेंट जोसेफ से पढ़ा यह बालक आज विश्व के कई प्रतिष्ठित मंचो और विश्वभर में दे रहा है, “शांति का संदेश”, यूनाइटेड नेशंस द्वारा उन्हें शांति दूत( एंबेसडर ऑफ पीस) की उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है।

देहरादून  सेंट जोसेफ एकेडमी राजपुर रोड़ देहरादून के सभागार में आज राज विद्या केंद्र देहरादून के तत्वावधान में “शांति जा संदेश ” कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें अंतराष्ट्रीय शांति दूत के नाम से विश्वविख्यात प्रेम रावत के विभन्न संदेशों को वीडियो के माध्यम से दिखाया

देहरादून 

सेंट जोसेफ एकेडमी राजपुर रोड़ देहरादून के सभागार में आज राज विद्या केंद्र देहरादून के तत्वावधान में “शांति जा संदेश ” कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें अंतराष्ट्रीय शांति दूत के नाम से विश्वविख्यात प्रेम रावत के विभन्न संदेशों को वीडियो के माध्यम से दिखाया गया। इस दौरान शहर के कई गणमान्य व्यक्तियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यहां आपको यह बताते हुए बड़ा हर्ष हो रहा है कि प्रेम रावत  ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा इसी स्कूल से प्राप्त की है, जो कि देहरादून और स्कूल के लिए गौरव की बात है कि देहरादून के इस स्कूल का एक बालक आज विश्वभर में मानवता के लिए पिछले 50 से ज्यादा वर्षों से कार्य कर रहा है। प्रेम रावत विगत 53 वर्षों से शांति के संदेश को विश्व के कोने कोने में जाकर लोगों को प्रेरित कर रहे हैं । उनके अनुसार हर एक मनुष्य स्वयं ही अपने हृदय में शांति का अनुभव कर सकता है। प्रेम रावत ने 4 वर्ष की अल्पायु से ही शांति का संदेश लोगों को सुनाना शुरू कर दिया था। आज विश्व की कई भाषाओं में उनके संदेश को अनुवाद किया जाता है साथ ही लगभग 106 देशों में उनके संदेश को देखा व सुना जा सकता है। इसी महान कार्य के लिए यूनाइटेड नेशंस द्वारा उन्हें शांति दूत( एंबेसडर ऑफ पीस) की उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है साथ ही अनेकों देशों ने उन्हें कई अन्य प्रतिष्ठित सम्मान से सम्मानित किया है।

इस संदेश को निरंतर रूप से सुनने तथा उसे अपने जीवन में अपनाने वाले लोगों का कहना है कि उन्होंने जीवन को एक नए व सरलतम नजरिए से देखना शुरू किया है जिससे उन्हें हर पल शांति व आनंद का एहसास होता है। इस कार्यक्रम को सुनकर उपस्थित श्रोताओं का कहना था कि प्रेम रावत ने अपने संदेश को सरल शब्दों में जीवन से जुड़ी हर छोटी-छोटी कहानियों के माध्यम से समझाया है। प्रेम रावत ने  अपन संदेश में कहा कि मनुष्य अनुभव द्वारा ही अपने आप को जान सकता है साथ ही उन्होंने कहा की हमारे में स्वास का आना जाना ही उस बनाने वाले का सबसे बड़ा चमत्कार है और स्वयं को जानना ही मनुष्य का लक्ष्य होना चाहिए। प्रेम रावत जी पिछले 53 सालों से लगातार विश्व को अपने शांति संदेश के द्वारा लाभान्वित कर रहे हैं। उनके इस कार्य को देखते हुए आज विश्व की प्रसिद्ध प्रतिष्ठानों विश्वविद्यालयों शैक्षणिक संस्थाओं विभिन्न संसद सीनेट व विधान सभाओं सहित भारत व विश्व की अनेकों जेलों में उनके संदेश को सुनाया जाता है और उन्हें आमंत्रित किया जाता है। उनका कहना है की जब स्वयं के हृदय में शांति होगी तभी विश्व में शांति संभव है प्रेम रावत शांति का संदेश ही नहीं अपितु जरूरत जरूरत मंद लोगों को जन भोजन कार्यक्रम के तहत भोजन भी उपलब्ध करवाते हैं। इस दौरान प्रदीप नेगी, सूरज नौटियाल पीसी गौड़, श्याम नारायण, सुभाष वर्मा, महेश कोठियाल, जगजीत नेगी, राजकुमार वर्मा, सरिता नौटियाल, रजनी बलूनी सहित कुंवर सिंह रमोला आदि लोग उपस्थित रहे और कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई।

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