ऋषिकेश: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना के तहत नीरगड्डू से शिवपुरी तक की मुख्य सुरंग भी आरपार हो चुकी है। लगभग 10 किलोमीटर लंबी इस सुरंग की खुदाई दो खंडों में की जा रही है। पहला भाग ढालवाला से नीरगड्डू तक है, दूसरा भाग नीरगड्डू से शिवपुरी
ऋषिकेश: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना के तहत नीरगड्डू से शिवपुरी तक की मुख्य सुरंग भी आरपार हो चुकी है। लगभग 10 किलोमीटर लंबी इस सुरंग की खुदाई दो खंडों में की जा रही है। पहला भाग ढालवाला से नीरगड्डू तक है, दूसरा भाग नीरगड्डू से शिवपुरी तक है।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के तहत पैकेज वन की मुख्य सुरंग अब पूरी हो गई है। इस परियोजना की पहली सुरंग ढालवाला से शिवपुरी तक है। इसकी कुल लंबाई 10 किलोमीटर है। सुरंग को दो भागों में खोदा जा रहा है। एक भाग ढालवाला से नीरगड्डू तक 5 किलोमीटर का है। दूसरा भाग नीरगड्डू से शिवपुरी तक 5.02 किलोमीटर का है। बीते मंगलवार को लगभग 1:30 बजे, नीरगड्डू से शिवपुरी तक 5.02 किलोमीटर की मुख्य सुरंग आर-पार हो गई है।
2027 तक ट्रैक बिछाने का लक्ष्य
ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना में 17 सुरंगें बन रही हैं। इन सुरंगों को बनाने के लिए 42 ब्रेक थ्रू करने थे। इनमें से 35 ब्रेक थ्रू पूरे हो चुके हैं। नीर गड्डू से शिवपुरी तक मुख्य सुरंग का काम भी पूरा हो गया है। पिछले महीने, योगनगरी ऋषिकेश के सिवाई रेल लाइन स्टेशन की सुरंग भी बन गई। परियोजना के अंतर्गत ट्रैक बिछाने का सर्वे आरंभ हो चुका है। भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी इरकॉन इंटरनेशनल ने 2027 तक ट्रैक बिछाने का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है। परियोजना के अंतर्गत कुल 13 रेलवे स्टेशनों में से वीरभद्र और योगनगरी स्टेशन 2020 में तैयार हो चुके हैं। शिवपुरी और ब्यासी रेलवे स्टेशनों के लिए अभी निविदा प्रक्रिया पूरी की गई है, इनका निर्माण 61 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। बाकी के नौ स्टेशनों के निर्माण के लिए तीन और टेंडर जारी किए जाएंगे।
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